Shodashi - An Overview
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The mantra seeks the blessings of Tripura Sundari to manifest and fulfill all preferred results and aspirations. It really is thought to invoke the blended energies of Mahalakshmi, Lakshmi, and Kali, with the last word intention of attaining abundance, prosperity, and fulfillment in all elements of daily life.
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
The Sri Chakra is really a diagram formed from nine triangles that surround and emit out of the central stage.
The supremely attractive Shodashi is united in the heart in the infinite consciousness of Shiva. She eliminates darkness and bestows mild.
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय click here है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
ह्रीङ्काराम्भोधिलक्ष्मीं हिमगिरितनयामीश्वरीमीश्वराणां
Additional from this Author Bhairavi Sharma is undoubtedly an creator of a few novels on Amazon. She has long been working towards meditation through the time she was a decade previous. Whatever she shares on her private blog and listed here, on Mystical Bee, comes from looking at, exploration and expertise.
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥
Shodashi also implies sixteen and also the belief is always that in the age of sixteen the Actual physical overall body of the individual attains perfection. Deterioration sets in soon after sixteen yrs.